Thappad Trailer review: एक 'थप्पड़' जिसने बदल दी तापसी की जिंदगी

क्या आपने कभी अपनी बीवी को 'थप्पड़' मारा है? एक कैसे किसी महिला के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाता है और उसके बाद कैसे उसकी पूरी जिंदगी बदल जाती है, इसी को डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने पर्दे पर उतारा है। के लीड रोल वाली फिल्म 'थप्पड़' का ट्रेलर फाइनली रिलीज कर दिया गया है। यह ट्रेलर केवल किसी महिला को नहीं बल्कि किसी भी संवेदनशील आदमी को झकझोर देने के लिए काफी है। 'केवल एक थप्पड़? लेकिन नहीं मार सकता'ट्रेलर की शुरुआत में तापसी का डायलॉग 'केवल एक थप्पड़? लेकिन नहीं मार सकता।' और आखिरी डायलॉग, 'पता है उस थप्पड़ से क्या हुआ? उस एक थप्पड़ से न, मुझे वो सारी Unfair चीजें साफ-साफ दिखने लगीं जिसको मैं अनदेखा करके मूव ऑन करती जा रही थी।' केवल इन दो डायलॉग्स में आपने तापसी का इंटेंस चेहरा देख लिया तो शायद आप कभी अपनी बीवी के ऊपर हाथ उठाने का सोचेंगे भी नहीं। तापसी के चेहरे पर दर्द के वे सारे भाव आ जाते हैं जो किसी भी घरेलू हिंसा की शिकार महिला को भीतर तक तोड़ देते हैं। देखें, ट्रेलर: घरेलू हिंसा को सामान्य समझ लिया जाता हैफिल्म के ट्रेलर में तापसी की मेड को भी उसका पति मारता है लेकिन उसका कहना है कि अगर वह विरोध करेगी तो उसका पति घर से बाहर निकाल सकता है। हमारे समाज में घरेलू हिंसा और लैंगिक असमानता को सामान्य मान लिया जाता है। फिल्म में अपने सम्मान के लिए लड़ती तापसी का कैरक्टर कमजोर भी होता है लेकिन फिल्म में उनके पिता बने कुमुद मिश्रा का एक डायलॉग आपको याद रह जाता है जब तापसी उनसे पूछती हैं, गलत तो नहीं कर रही न तो वह जवाब देते हैं, 'हम तो हमेशा सही सोच के करते हैं बेटा, और कई बार सही करने का रिजल्ट हैपी नहीं होता।' कॉन्टेंट ड्रिवन फिल्में कर रही हैं तापसीबॉलिवुड में अब कॉन्टेंट बेस्ड फिल्में बन रही हैं। जैसे आयुष्मान खुराना की फिल्मों के टॉपिक बिल्कुल अलग होते हैं वैसे ही एक कॉमिडी फिल्म 'चश्मे बद्दूर' से डेब्यू करने वाली तापसी पन्नू ने एकदम डिफरेंट टॉपिक पर किरदार निभाकर अपनी अलग जगह बना ली है। 'पिंक', 'नाम शबाना', 'मुल्क', 'मनमर्जियां', 'बदला', 'मिशन मंगल' और 'सांड की आंख' जैसी फिल्में की हैं जिनके किरदारों को करने की हिम्मत इंडस्ट्री में शायद केवल कंगना रनौत ही कर सकती हैं। एक बार फिर 'थप्पड़' में आपको तापसी बिना मेकअप वाले लुक में सीरियस रोल करती दिखेंगी। पहले 'पिंक' में महिलाओं के कंसेंट का मुद्दा, 'मुल्क' में सांप्रदायिकता और फिर 'आर्टिकल 15' में जातिगत भेदभाव जैसे सामाजिक मुद्दों को संवेदनशील तरीके से उठाने के बाद अनुभव सिन्हा ने इस बार घरेलू हिंसा जैसा मुद्दा उठाया है और फिल्म में दिखाया है कि समाज में कैसे किसी महिला को अपने आत्म-सम्मान के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। फिल्म में तापसी के अलावा पवेल गुलाटी, रत्ना पाठक शाह, तनवी आजमी, दिया मिर्जा, मानव कौल और कुमुद मिश्रा मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म 28 फरवरी को रिलीज हो रही है।


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